किसान हूं
किसान हूं किसान मै,देश का किसान हूं
लोग कहते हैं मुझको मै सबसे महान हूं
किसान हूं..........
कड़ी मेहनत से, खेतों में हूं फसल को उगाता
बागवानी लगा के, हूं मै पेड़ों को बढ़ाता
वृछ लगा के ,उन्हें देते है जल
बच्चे, बुढ़े सब!उनके खाते हैं फल
उपभोक्ताओं की मै जान हूं
किसान हूं............
बैलगाड़ी गयी, आया है ट्रैक्टर
तिफरा हल भी गया , आया कल्टीवेटर
बदलाव देख के मै हैरान हूं
किसान हूं............
हमें जब समय पर!बीज, खाद नहीं मिलता
किए पर सारे हमारे पानी है फिरता
गरीब है जो भाई हमारे, कर्जदार होते
फसल नस्ट होती तो बहुत वे रोते
इस संघर्षमय जीवन से, हैं भाई हमारे लड़ते
हार जाते हैं जब वें आत्महत्या भी करते
सरकार की व्यवस्था देख के
मै , सोंच के परेशान हूं
किसान हूं........
*✍️✍️संदीप कुमार✍️✍️*
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