चोरों का हल्ला
रायबरेली में मचा है चोरों का हल्ला
शहर से गए जब अपने गांव,
टिके नहीं एक जगह मेरे पांव।
भ्रमण किया पूरे क्षेत्र का,
गली, चौराहे, और खेत का।
पापा ने दी मुझे ये बात,
"मत घूमना जब हो जाए रात।"
धान काट लो जल्दी से, घर पहुँचे सारा गल्ला,
क्योंकि
रायबरेली में मचा है चोरों का हल्ला।
जग रहे हैं लोग हर रात,
रखते लट्ठ अपने साथ।
करते हैं बैठकर तर्क-वितर्क,
हर आहट पर रहते सतर्क।
दौड़ते हैं लेके लाठी, अगर गलती से भी कोई खनके छल्ला,
रायबरेली में मचा है चोरों का हल्ला।
क्यों चोर दिखाते हैं चोरी में जुनून,
क्या जिंदगी भर मिलता है उनको सुकून?
दिखाते हैं अपनी ढीठाई,
उनके चलते बेकसूरों की हो जाती पिटाई।
मां कहती है, "मत रो, सो जा जल्दी से मेरे लल्ला,"
क्योंकि
रायबरेली में मचा है अबकी चोरों का हल्ला
✍️ ✍️ संदीप कुमार ✍️✍️
( रजौली रायबरेली )
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