"कैसे भूल जाऊं"
"कैसे भूल जाऊं"
कैसे भूल जाऊं,कैसे भूल जाऊं
संग बिताए पल को कैसे भूल जाऊं
क्लास में देखा था सुंदर मुखड़ा
चुपके से फेंका था कागज का टुकड़ा
छुप छुप के गार्डन में मिलते थे हम
मीठी बाते प्यार की करते थे हम
उस पल के लम्हों को कैसे बताऊं
कैसे भूल जाऊं........
फेसबुक की दिचस्प बाते
व्हाट्सऐप पे गुजारे थे,
आधी आधी राते
इमो की वो वीडियो कलिंग
गलती पे दी थी मैंने वार्न्निग
इंस्टाग्राम मेे चुटकुले कैसे बनाऊ
कैसे भूल जाऊं.........
तेरे बिना जिंदगी अब ही गई वीरान
मिट गया तेरे बिन,मेरा नामो निशान
तेरी जुदाई के आंसू गटक रहा हूं
पागलों की तरह भटक रहा हूं
तू ही बता अब मै किधर जाऊं
कैसे भूल जाऊं..........
✍सजा संदीप कुमार✍
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें