याद आते हैं
💐याद आते हैं💐 वो ईमली का पेड़ वो बरगद की छाव वो चंदातालाब ओ बन्दरेस्वर का मैंदान उस मैदान में बच्चे नाचते गाते है बीते हुए दिन बहुत याद आते है वो गुल्ली और डंडा वो कागज का झंडा वो गुल्ली गिल्लाहत वो आपसी चिल्लाहट वो बारिश के छाते सच में बीते हुए दिन बहुत याद आते वो हुलासी महुआ वो मुल्ला जी की बाग़ उस बाग़ के मिठे आम वो आम सबको भाते है बीते हूवे दिन बहुत याद आते है वो रामु का कुत्ता वो बुद्धि का हुक्का वो शाल्लु का गांजा डोल औऱ बाजा वो कुवें की पास की भीड और उनकी बातें बीते हुए दिन बहुत याद आते वो पारधान की झाड़ी वो चप्पल की गाडी वो कोटे का कोह्लू वो गन्ना घरेलू गन्ना पेरने काफी लोग जाते हैं , बीते हुयें दिन बहुत याद आते हैं वो मिल के मैच खेलना आपस में कोई भेद ना वो साईकिल का पहिया दीदी और भैया चुपके से चोरी चोरी खेलते थे खूब गोली वो लकड़ी के लट्टू थे बाबा हमारे जट्टू उनके लड़के बड़े प्यार से समझाते हैं कसम से बीते हुये दिन बहुत याद आते हैं 🙏🙏🙏