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जवाब दीजिए

🌳🌺 *_रजौली मेरा गांव_* 🌺🌳  सबको पता है हे भाई ,हर देश में क्या चल रहा गरीब हो या अमीर, कोरोना से सब डर रहा भारत के हाल ये हैं, हर पांच मिनट में लोग मर रहें अपने ही लोग अपनों का, अंतिम संस्कार नहीं कर रहें  है भयावाह स्थिती ,परिजन बेचारे क्या करें है सोना,चांदी , पाईसा इस पैसे का अब क्या करें दहशत में सब लोग ,सबको मरने का डर सता रहा  1347 ब्लैक डेथ(यूरोप) की तरह, कोरोना कोहराम मचा रहा  उठ रहा मेरे मन में एक प्रश्न ,उसका जवाब दीजिए उमड़ रहा तूफान अंतः कारण में, उसको शांत कीजिए हैं ये जो ईश्वर ,अल्लाह ,गॉड ये सब कहां गए क्या डर गए कोरोना से जो बिल में छुप कर बैठ गए है धर्म  नहीं यह धंधा ,धंधे की वाट लग गई कोरोाना के आ जाने से इनकी पोल पुट्टी खुल गई  और कुछ नहीं दुनिया में मानवता ही बड़ा धर्म है पहचानो तुम खुद को यही सबसे बड़ा मर्म है     ✍🏽✍🏽 *_संदीप कुमार_* ✍🏽✍🏽

jindagi

ऐ जिंदगी! तू किसी भी रूप में मेरे सामने,रोडा बनकर आ, फ़िर भी  मेरे स्वाभिमान को  झुका नहीं सकती

" ठंडी"

" ठंडी" बहुतै  ज्यादा  बढ़िगे  ठंडी  बहुतै  ज्यादा  बढ़िगे  ठंडी कुहिरा से सारा ढाकीगा अम्बर  घर  से  निकसैं रजाई  क़म्बर  ओस की बूंदे गिरत हैं पट पट  सबकै दाँत करत हैं कट कट  लडिकन का  है अलगै फंडा  ख्यालत गेंद अउ गुल्ली डण्डा  कुछ तो छुपी  छुपव्वलि ख्यालें कुछ तो लड़ावैं हांथन से  रेंड़ी  बहुतै  ज्यादा ..........    बुड्ढा बनाईन पैरा का गोंदरा  कहानी सुनावैं एक था सोनरा  दादी  बनावैं  चोखा बाटी   लड़िकेँ लइके दौड़ें टाठी  आंच करत बड़ा गोबरै के कंडी  बहुतै  ज्यादा.............  बइठे  दादा  द्याखैं   न्यूज़ गुड़ -गुड़ हुक्का का करत हैं  यूज संदीप अच्छे गीत बनावें  दीदी मीठे स्वर से गावें  सुनत ध्यान से उई झारखंडी  बहुतै  ज्यादा.............  *✍✍संदीप कुमार ✍✍*